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अभियंता दिवस (Engineer’s Day): भारत के महान इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया
Engineer's Day: India's Great Engineer Sir Mokshagundam Visvesvaraya
Makshagundam Visvesvaraya |
अभियंता दिवस का महत्व
"अभियंता दिवस" का आयोजन भारत सरकार द्वारा 1968 में शुरू किया गया था, जब डॉ. विश्वेश्वरैया की जयंती को इस महत्वपूर्ण दिवस के रूप में घोषित किया गया। इसका उद्देश्य न केवल सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के योगदानों को स्मरण करना है, बल्कि उन सभी अभियंताओं को सम्मानित करना है जो भारत के विकास और आधुनिक ढांचे के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अभियंता दिवस को पूरे देश में केंद्रीय विषय (थीम) के साथ मनाया जाता है, जो इंजीनियरिंग से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
अभियंता का अर्थ और भूमिका
अभियंता वह व्यक्ति होता है, जिसे अभियाँत्रिकी (इंजीनियरिंग) की किसी एक या अधिक शाखाओं में प्रशिक्षण प्राप्त होता है। अभियंता निर्माण, विकास, अनुसंधान, और तकनीकी समाधान प्रदान करने का काम करते हैं। इन्हें यंत्रवेत्ता भी कहा जाता है। ये समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चाहे वह सड़कों का निर्माण हो, पुलों की डिजाइन हो, या जल वितरण प्रणाली, अभियंता अपनी विशेषज्ञता से समाज को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया: आधुनिक भारत के विश्वकर्मा
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को "आधुनिक भारत का विश्वकर्मा" कहा जाता है। उनका जीवन और कार्य प्रेरणा से भरपूर है। विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर के कोलार जिले के मुड्डेनहल्ली गांव में हुआ था। एक गरीब परिवार में जन्मे विश्वेश्वरैया ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से दुनिया में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने मैसूर राज्य के दीवान के रूप में भी सेवा की और अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया।
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रमुख उपलब्धियां
1. जल संसाधन प्रबंधन: डॉ. विश्वेश्वरैया ने बांधों और जल संरक्षण की दिशा में अत्यधिक योगदान दिया। उन्होंने कृष्णा राजा सागर बांध के निर्माण का नेतृत्व किया, जो उस समय का सबसे बड़ा जलाशय था। यह बांध मैसूर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कृषि और पेयजल की समस्या का समाधान बना।
2. राजेंद्र सेतु: बिहार में गंगा नदी पर बने राजेंद्र सेतु के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह पुल बिहार के उत्तर और दक्षिण भागों को जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना है। खास बात यह है कि 92 वर्ष की उम्र में भी वे साइकिल से पुल निर्माण स्थल तक जाया करते थे, जिससे उनके कार्य के प्रति समर्पण का अंदाजा लगाया जा सकता है।
3. आधुनिक जल वितरण प्रणाली: डॉ. विश्वेश्वरैया ने आधुनिक जल वितरण प्रणाली की योजना बनाई और इसे लागू किया। उन्होंने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए ऑटोमैटिक फ्लडगेट्स का आविष्कार किया। उनका यह आविष्कार इतना प्रभावी था कि इसे कई देशों ने अपनाया।
4. उद्योग और शिक्षा का विकास: उन्होंने मैसूर राज्य में उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने मैसूर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसे आज भी वहां की औद्योगिक प्रगति के रूप में देखा जा सकता है। उनके योगदान के कारण ही मैसूर राज्य का औद्योगिक और शैक्षिक ढांचा मजबूत हुआ।
विश्वेश्वरैया का जीवन और आदर्श
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जीवन अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति का प्रतीक है। उन्होंने अपने जीवन के हर कदम पर समय की पाबंदी और कार्य के प्रति ईमानदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनके अनुशासन का एक उदाहरण यह है कि वे हमेशा समय पर रहते थे, चाहे वह कोई भी काम हो। अपने पूरे जीवन में उन्होंने देश के विकास और समाज की बेहतरी के लिए कार्य किया। उन्होंने केवल अपने व्यक्तिगत लाभ की नहीं सोची, बल्कि समाज के उत्थान के लिए अपनी सेवाएँ दीं।
उनके नाम से जारी सम्मान
डॉ. विश्वेश्वरैया के उत्कृष्ट योगदानों के कारण उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए। वर्ष 1955 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से नवाजा गया। इसके अलावा, उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया गया। आज भी उन्हें भारत के सबसे महान अभियंताओं में से एक माना जाता है।
अभियंता दिवस के उत्सव की परंपरा
अभियंता दिवस हर साल एक केंद्रीय विषय के इर्द-गिर्द मनाया जाता है। यह विषय राष्ट्रीय और स्थानीय अभियंता संस्थाओं द्वारा तय किया जाता है, और इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग से जुड़े किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना होता है। विभिन्न शैक्षिक संस्थानों, सरकारी संगठनों, और निजी कंपनियों द्वारा अभियंता दिवस पर सेमिनार, कार्यशालाएँ, और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें इंजीनियरिंग के छात्रों और पेशेवरों को भाग लेने का अवसर मिलता है।
अभियंता दिवस का भविष्य
आज के समय में इंजीनियरिंग की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। जैसे-जैसे दुनिया तकनीकी प्रगति की ओर बढ़ रही है, अभियंताओं का योगदान नए आविष्कार, नवाचार और समाज के बुनियादी ढांचे के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण होता जा रहा है। अभियंता दिवस न केवल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम कर रहे पेशेवरों के योगदान को पहचानने का अवसर है, बल्कि यह युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बढ़ती मांग और चुनौतियों के बीच, अभियंता दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह हमें उन चुनौतियों को पहचानने और उन्हें हल करने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे कि हम एक समृद्ध और स्थिर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकें।
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