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Indian Stock Market 24 Jan 25 - भारतीय शेयर बाजार की स्थिति: हाल की गतिविधियों और भविष्य की संभावनाओं को समझना
Indian Stock Market 24 Jan 25
आज शाम(Indian Stock Market 24 Jan 25) सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट: वैश्विक बाजार और आर्थिक घटनाक्रम
आज शाम सेंसेक्स में 330 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 76,190 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 113 अंक गिरकर 23,092 पर बंद हुआ। यस बैंक निफ्टी भी 221 अंक गिरकर 48,368 पर बंद हुआ। आज बाजार सुबह के मुकाबले कुछ कमजोर रहे, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद 23,340 से 23,030 तक की गिरावट के साथ निफ्टी में लगभग 300 अंकों की लगातार गिरावट देखी गई।
स्मॉल-कैप और मिड-कैप में गिरावट
आज पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक्स को भी गहरी चोट पहुंची, क्योंकि स्मॉल-कैप इंडेक्स में करीब 2.5% और मिड-कैप इंडेक्स में करीब 0.5% की गिरावट देखी गई। सेक्टर्स की बात करें तो रियल एस्टेट, ऑयल एंड गैस और फार्मा स्पेस में भी करीब 2% की गिरावट आई। खासकर फार्मा सेक्टर में डॉ. रेड्डी के नॉर्थ अमेरिका में कमजोर नंबरों के कारण गिरावट देखने को मिली।
वैश्विक घटनाक्रम: डावोस में ट्रंप का बयान
डावोस में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्याज दरों को लेकर फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल पर टिप्पणी की। ट्रंप ने कहा कि उन्हें ब्याज दरों के बारे में किसी से ज्यादा जानकारी है और ब्याज दरों में कटौती की जानी चाहिए। उनका कहना है कि केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी देशों को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए ताकि उनकी अर्थव्यवस्थाएं तेज़ी से बढ़ सकें।
ट्रंप ने क्रूड ऑयल की कीमतों को कम करने की अपील भी की, खासतौर पर सऊदी अरब और अन्य अरब देशों से। उनका मानना है कि इससे मुद्रास्फीति और अन्य आर्थिक मुद्दे नियंत्रित हो सकते हैं।
अमेरिका-चीन संबंध: व्यापार पर प्रभाव
ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति की प्रशंसा करते हुए, चीन के प्रति नरम रुख अपनाया है। यह स्थिति थोड़ा चौंकाने वाली है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने चीन पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही थी। यदि अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते सुधरते हैं, तो यह व्यापारिक समीकरणों को बदल सकता है।
अब तक भारत सहित अन्य देशों में "चाइना प्लस वन" रणनीति पर जोर दिया गया था, जिसमें कंपनियां चीन से बाहर निवेश करने पर विचार कर रही थीं। लेकिन यदि अमेरिका और चीन के संबंध बेहतर होते हैं, तो व्यापार के मामले में बड़ा बदलाव हो सकता है।
जापान का ब्याज दर बढ़ाना: 17 सालों में पहली बार
आज बैंक ऑफ जापान ने 17 सालों में पहली बार ब्याज दरों में वृद्धि की, जिससे ब्याज दरें अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। इस कदम ने वैश्विक बाजारों पर असर डाला है।
डॉलर इंडेक्स धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है और यह 108 के नीचे आकर 107.58 के करीब पहुंच गया है। बॉन्ड यील्ड्स भी 4.5% से 4.7% के बीच स्थिर रही हैं।
भारतीय बाजारों पर असर
भारतीय बाजारों में आज सोलर और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े सेक्टर्स और कुछ अन्य क्षेत्रों पर दबाव देखा गया। हालांकि, कुछ कंपनियों ने अच्छे नंबर भी रिपोर्ट किए हैं। आने वाले दिनों में अमेरिका-चीन के संबंध और वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम भारतीय बाजारों को किस दिशा में ले जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
FIS डेटा अपडेट: बिक्री के मुख्य कारण और भारतीय इक्विटी बाजार पर प्रभाव
FIS डेटा अपडेट
डेटा फैक्टर, FIs की बिक्री के मुख्य कारण बने हुए हैं और अभी भी ऊंचे स्तर पर हैं। हम देख सकते हैं कि वे इसे कुछ समय से बनाए हुए हैं और FID डेटा भी अपडेट हो गया है। हाल ही में उन्होंने लगभग 2700 करोड़ रुपये की बिक्री की है। अगर आप ध्यान दें, तो यह संख्या पिछले समय की तुलना में थोड़ी कम है। पिछले कुछ समय में, यहां तक कि 15 जनवरी तक, हमने बाजार में 2000 करोड़ रुपये का आंकड़ा कहीं नहीं देखा।
भारतीय इक्विटी बाजार में FIS की स्थिति
FIs के भारतीय इक्विटी बाजार में मौजूदा हिस्सेदारी लगभग 16.2% है, जो 10 साल पहले के स्तर के करीब है। दूसरी ओर, भारतीय म्यूचुअल फंड्स और घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 10% के उच्चतम स्तर पर है, जिसका कुल मूल्य लगभग 2,50,000 करोड़ रुपये है। पिछले चार महीनों में FIs भारतीय बाजार से लगातार पैसे निकाल रहे हैं। जनवरी के एक दिन को छोड़कर, उन्होंने लगभग लगातार बिकवाली की है।
निफ्टी और सेंसेक्स पर असर
भारी बिकवाली के बावजूद, निफ्टी और सेंसेक्स पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ा है। हालांकि, स्मॉल-कैप और मिड-कैप सेगमेंट पर भारी असर पड़ा है। कुछ कंपनियों में 30% से 40% तक का करेक्शन देखा गया है, भले ही उनके प्रदर्शन और आंकड़े अच्छे हों।
करेक्शन के प्रकार: समय और मूल्य
बाजार में दो प्रकार के करेक्शन होते हैं:
प्राइस-वाइज करेक्शन: जब स्टॉक्स के मूल्य में गिरावट आती है।
टाइम-वाइज करेक्शन: जब स्टॉक लंबे समय तक एक ही रेंज में बना रहता है।
अगर कोई स्टॉक 100 PE पर है और उसके मुनाफे में तेजी से वृद्धि नहीं होती, तो उसकी कीमतें गिर सकती हैं या उसे एक निश्चित रेंज में रहना पड़ सकता है।
स्मॉल-कैप और मिड-कैप निवेशकों के लिए सुझाव
जो निवेशक स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स में निवेश कर रहे हैं, उन्हें बाजार की स्थिति का बारीकी से मूल्यांकन करना चाहिए। अगर कंपनियों के प्रदर्शन और आंकड़े बेहतर होते हैं, तो यह निवेश के लिए बेहतर समय हो सकता है।
म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो सुझाव
ब्लॉग में म्यूचुअल फंड्स की चर्चा की गई है, जो 2025 के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं। इनमें लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप, मल्टी-कैप, और फ्लेक्सी-कैप शामिल हैं। निवेश से पहले वैल्यूएशन और जोखिम को समझना बहुत जरूरी है।
बाजार का दीर्घकालिक दृष्टिकोण
भले ही बाजार में अल्पकालिक अस्थिरता हो, भारतीय इक्विटी बाजारों का दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत है। जो निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखते हैं, उन्हें भारतीय बाजारों में निवेश के अवसरों को ध्यान में रखना चाहिए।
आपके विचार महत्वपूर्ण हैं!
अगर आप किसी खास कंपनी के प्रदर्शन या आंकड़ों के बारे में जानना चाहते हैं, तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। आपके सुझावों के आधार पर, हम आगामी ब्लॉग्स में उन कंपनियों की विस्तृत चर्चा करेंगे।
AGR (Adjusted Gross Revenue) बकाया:
सरकार कुछ कंपनियों को लगभग 82,000 करोड़ रुपये की राहत देने जा रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड में यह अपडेट देखा गया कि किन कंपनियों को राहत मिलेगी और किसे सबसे अधिक लाभ होगा। यदि डेटा देखा जाए, तो यह मुद्दा एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू पर आधारित है। आमतौर पर हम AGR बकाया टेलीकॉम कंपनियों के लिए देखते हैं, लेकिन 2020 में भारत सरकार ने केवल टेलीकॉम कंपनियों (जैसे एयरटेल, वोडाफोन) ही नहीं, बल्कि गैर-टेलीकॉम कंपनियों (जैसे गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स कंपनी GNFC, रेलटेल आदि) को भी इसके अंतर्गत रखा।
टेलीकॉम कंपनियों के पास कुछ लाइसेंस होते हैं, भले ही वे अपने आंतरिक उपयोग के लिए हों, और सरकार ने उनसे AGR बकाया की सही गणना कर इसे चुकाने के लिए कहा है। टेलीकॉम कंपनियों से AGR बकाया के रूप में लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपये मांगे गए हैं, जबकि गैर-टेलीकॉम कंपनियों से मिलाकर यह आंकड़ा लगभग 2.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है।
सरकार टेलीकॉम कंपनियों से बड़ा हिस्सा लेकर गैर-टेलीकॉम कंपनियों को लाभ देने की सोच रही है। AGR बकाया पर ब्याज, मूलधन, और पेनल्टी का हिस्सा कम किया जा रहा है। सरकार ब्याज पर पेनल्टी पूरी तरह हटाने और AGR की गणना से गैर-टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर करने की योजना बना रही है। यदि ऐसा होता है, तो AGR बकाया से परेशान गैर-टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा फायदा होगा।
90% गैर-टेलीकॉम AGR बकाया लगभग 15-20 कंपनियों, मुख्य रूप से GNFC और रेलटेल, से संबंधित है। रिपोर्ट्स के अनुसार, GNFC इसमें सबसे बड़ा हिस्सा (लगभग 40%) रखती है। यदि सरकार बजट में गैर-टेलीकॉम कंपनियों को AGR बकाया में राहत देने का निर्णय लेती है, तो GNFC और रेलटेल जैसी कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा।
रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड:
रेलटेल को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (CECB) से 9.44 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिए डेटा अधिग्रहण और हैंडलिंग सिस्टम से संबंधित है, जिसे जुलाई 2028 तक पूरा किया जाना है।
एग्जिकॉम टेलीसिस्टम्स लिमिटेड:
एग्जिकॉम को RVNL से 1412 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर उत्तर प्रदेश के भारतनेट फेज-3 के तहत टेलीकॉम उपकरण और पावर सिस्टम्स की आपूर्ति से संबंधित है। कंपनी इस प्रोजेक्ट का 10 वर्षों तक रखरखाव करेगी। इस 3000 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली कंपनी को 1400 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है।
एनवीडिया का पावरफुल AI अपडेट:
मुकेश अंबानी ने घोषणा की है कि NVIDIA का पावरफुल AI सेमीकंडक्टर इस्तेमाल कर दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर जामनगर, गुजरात में स्थापित किया जाएगा। यह डेटा सेंटर 3 गीगावॉट क्षमता का होगा और इसमें 20-30 बिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा। यह भारत की डेटा सेंटर क्षमताओं के लिए एक बड़ा कदम है।
भारत में वर्तमान डेटा सेंटर की क्षमता 1 गीगावॉट के करीब है, लेकिन अंबानी का यह प्रोजेक्ट इसे तीन गुना बड़ा कर देगा। यह प्रोजेक्ट AI, स्टार्टअप्स और अन्य भारतीय कंपनियों को बढ़ावा देगा। हाल ही में, अमेरिका ने AI इंफ्रास्ट्रक्चर में 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, और मुकेश अंबानी अकेले 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहे हैं।
यह जानकारी फिलहाल आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही मुकेश अंबानी इस प्रोजेक्ट की आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं।
Zaggle Prepaid Ocean Services Ltd.:
Zaggle ने घोषणा की है कि उन्होंने Tiger Capital Private Limited के साथ साझेदारी की है। साझेदारी के बाद ये क्या करेंगे? दोस्तों, इनका बिज़नेस काफी समय से कॉरपोरेट्स, छोटे और मझोले उद्योगों (SMEs), और स्टार्टअप्स से जुड़ा हुआ है। इन्होंने पहले से ही बिज़नेस खर्चों को मैनेज करने के लिए फाइनेंशियल सॉल्यूशन्स तैयार किए हैं। ये इन्हें SaaS (Software as a Service) के रूप में बेचते हैं। Zaggle के लगभग 3000 से अधिक क्लाइंट्स हैं।
इनकी रेवेन्यू प्रोफाइल में ज़्यादातर हिस्सा प्लेटफॉर्म रेवेन्यू से आता है। इनका रेवेन्यू वितरण लगभग 54% प्लेटफॉर्म रेवेन्यू, 42% प्रोग्राम फीस, और 4% सॉफ्टवेयर फीस के रूप में होता है। भारत में प्रीपेड कार्ड्स के क्षेत्र में ये नंबर 1 हैं और अब तक लगभग 5 करोड़ प्रीपेड कार्ड्स जारी कर चुके हैं। इसके साथ ही ये खर्च प्रबंधन (Spend Management) के क्षेत्र में भी अग्रणी खिलाड़ी हैं।
Zaggle का लक्ष्य AI का उपयोग करके अपनी सेवाओं को बेहतर बनाना है। ये बड़े कॉरपोरेट्स से लेकर छोटे बिज़नेस तक, सभी को अपनी सेवाएं देते हैं। इसके अलावा, Zaggle ने Siemens Limited के साथ साझेदारी की है और एक "Zaggle Profile Rewards Program" लॉन्च किया है। इस साझेदारी के तहत, Zaggle Siemens के कर्मचारियों को तीन साल तक सेवाएं प्रदान करेगा।
Paytm (One97 Communications Ltd.):
आज सुबह Paytm से जुड़े क्या अपडेट्स बाजार में चर्चा का विषय बने हुए हैं? खबर है कि Paytm और Razorpay को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना करना पड़ रहा है। यह जांच 2200 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरंसी घोटाले से जुड़ी है, जो चीन से संबंधित है। ED ने Paytm और Razorpay समेत आठ पेमेंट गेटवे और उनके 500 करोड़ रुपये के फंड को फ्रीज कर दिया है।
इस खबर के बाद Paytm के स्टॉक में भारी गिरावट आई। हालांकि, बाद में Paytm ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके थर्ड-पार्टी वेंडर से संबंधित है, न कि उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता से। Paytm ने दावा किया है कि यह डेटा उनके साथ संबंधित नहीं है, बल्कि थर्ड-पार्टी मर्चेंट्स से जुड़ा है। हालांकि, स्टॉक में गिरावट के बावजूद, Paytm ने अपनी स्थिति को आंशिक रूप से सुधार लिया, लेकिन दिन के अंत तक स्टॉक 5% गिरावट के साथ बंद हुआ।
आज के सोने के दाम:
अगर आप ध्यान दें, तो सोने ने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर को छू लिया है। 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग ₹82,420 के करीब है। यह अचानक क्यों हुआ? जब सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसे आमतौर पर बाजार के लिए नकारात्मक संकेत माना जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब वैश्विक मुद्रा कमजोर होती है, शेयर बाजार अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो निवेशक ऐसे सुरक्षित परिसंपत्ति वर्गों (Safe Asset Classes) में धन लगाते हैं, जैसे कि सोना।
अब सवाल यह है कि क्या सोने की कीमतें यहां से और बढ़ेंगी? और अगर बढ़ेंगी तो क्यों?
फेडरल रिजर्व बोर्ड (Federal Reserve Board):
जैसा कि बाजार विश्लेषण में बताया गया था, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन पावेल ने यह स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है। उन्होंने बयान दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, फेड चेयरमैन होने के बावजूद, उनकी नीतियों का विरोध नहीं कर सकते। हालांकि, वह दबाव डाल सकते हैं, लेकिन फेड चेयरमैन का निर्णय अंतिम होता है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावना को नकारने के बाद, सोने की कीमतों में तेजी देखी गई। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 29 जनवरी को फेड की बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है। उस समय किए गए बयान यह तय करेंगे कि सोने की कीमतें आगे बढ़ेंगी या नहीं।
EPACK Group:
हम समझ सकते हैं कि Pack Prefab नामक कंपनी आने वाले समय में IPO लेकर आ रही है। इससे पहले, Pack Durables नामक कंपनी पहले से ही बाजार में सूचीबद्ध है। Pack Durables क्या करती है? यह कंपनी एसी, रेफ्रिजरेटर और अन्य उपभोक्ता उपकरणों जैसे उत्पादों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है। इसके अलावा, यह OEM (Original Equipment Manufacturers) और समूह की अन्य कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर के रूप में उत्पाद प्रदान करती है।
अब बात करते हैं Pack Prefab की। Prefab का मतलब है, एक ऐसी कंपनी जो प्रीफैब्रिकेटेड कंस्ट्रक्शन सॉल्यूशन्स प्रदान करती है। ये किस प्रकार के सॉल्यूशन्स प्रदान करती है? यह कंपनी प्रीफैब्रिकेटेड बिल्डिंग्स, पोर्टेबल केबिन्स, कोल्ड रूम्स और मॉड्यूलर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स का निर्माण और आपूर्ति करती है। यह सेवाएं मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग और कमर्शियल कंस्ट्रक्शन से जुड़ी हैं।
हाल के समय में हमने देखा है कि कई कंपनियां इस प्रकार की सेवाएं ले रही हैं। परंपरागत तरीके से सीमेंट और ईंटों के उपयोग से कंस्ट्रक्शन करने के बजाय, प्रीफैब्रिकेटेड बिल्डिंग सॉल्यूशन्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। Pack Prefab का IPO लगभग ₹3000 करोड़ के फ्रेश इश्यू के माध्यम से आ सकता है। यह IPO फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल दोनों के माध्यम से बाजार में प्रवेश करेगा। कंपनी के तीन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं।
कंपनी की हालिया राजस्व वृद्धि दर 38% है और मुनाफा साल दर साल दोगुना हो रहा है। यह एक दिलचस्प क्षेत्र है जिसमें अच्छी वृद्धि देखने को मिल रही है। अब देखना यह है कि कंपनी किस वैल्यूएशन पर बाजार में आती है।
HFCL Ltd.:
HFCL को RVNL से ₹2167.65 करोड़ का ऑर्डर प्राप्त हुआ है। यह ऑर्डर ऑप्टिकल फाइबर केबल्स, टेलीकॉम उपकरण और एक्सेसरीज़ से संबंधित है। कंपनी अगले तीन सालों में इन सामग्रियों की आपूर्ति करेगी और 10 साल तक मेंटेनेंस सेवाएं प्रदान करेगी।
यह ऑर्डर इस सप्ताह के दौरान कंपनी के शेयर में करीब 10% की बढ़त का कारण बना। कंपनी यह ऑर्डर एक साल की वारंटी और मेंटेनेंस सेवा के साथ प्रदान कर रही है। इस प्रकार के ऑर्डर मिलने से कंपनी की स्थिति मजबूत हो रही है।
Jyoti Structures Ltd.:
Jyoti Structures को अब तक का सबसे बड़ा EC ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर ₹741 करोड़ का है और यह 800 केवी HVDC बाइपोलर लाइन से संबंधित है। यह सप्लाई गुजरात में अगले 42 महीनों के भीतर पूरी की जाएगी।
कंपनी का मार्केट कैपिटल ₹2200 करोड़ है और इस ऑर्डर के बाद, शेयर की कीमत में वृद्धि देखी गई है। पिछले तिमाही के खराब नतीजों के बावजूद, नए ऑर्डर्स मिलने से निवेशकों की उम्मीदें बढ़ी हैं। यह ऑर्डर पावर ग्रिड से आया है।
FIS अपडेट:
FIS 2024 में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। अब तक उन्होंने करीब 17% शेयर बेचे हैं। इससे जुड़ी कंपनियों में Route Mobile, RBL Bank, और Star Health का नाम सामने आ रहा है।
Route Mobile: 2024 में 17% हिस्सेदारी घटाई गई है।
RBL Bank: हिस्सेदारी 15% घटाकर 13.4% पर लाई गई है।
Star Health: हिस्सेदारी 13.5% घटाकर 17.5% पर लाई गई है।
इसके अलावा, FIS ने Kalyan Jewellers, Kpit Technologies, Delivery, और Zee Entertainment में भी हिस्सेदारी कम की है।
Dam Capital:
Dam Capital के IPO के बाद से इसके स्टॉक्स में काफी गिरावट आई है। हालांकि, कंपनी के साल-दर-साल और तिमाही-दर-तिमाही नतीजे मजबूत रहे हैं।
राजस्व में 132% की वृद्धि हुई है।
कुल आय और मुनाफे में 144% का इजाफा हुआ है।
मर्चेंट बैंकिंग राजस्व 168% बढ़ा है।
कंपनी ने IPOs, QIPs, ऑफर फॉर सेल, और अन्य सेवाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि कंपनी की EPS (प्रति शेयर आय) पिछले तिमाही में ₹3 थी, जो इस बार बढ़कर ₹7.29 हो गई है।
कंपनी की लगातार बढ़ती लाभप्रदता और मजबूत वित्तीय स्थिति इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना रही है।
लॉरस लैब्स लिमिटेड:
लॉरस लैब्स ने इस बार वाकई सही दिशा में कदम बढ़ाया है। उनकी नंबर्स मजबूत हैं। लंबे समय बाद, उनकी कुल राजस्व में हर पहलू में वृद्धि दिख रही है, जैसे लाभप्रदता और मार्जिन। यहां तक कि CDMO सेगमेंट भी मजबूत विकास कर रहा है, लेकिन केवल API सेगमेंट में ही वृद्धि दिख रही है। इसके अलावा, लॉरस लैब्स से जुड़ी अन्य सभी स्पेस में इस बार मजबूत प्रदर्शन देखा गया है। तो, इस बार उन्होंने किस सेगमेंट से वृद्धि की है? जैसा मैंने पहले कहा था, केवल API डिवीजन में नकारात्मक वृद्धि है। बाकी सभी सेगमेंट मजबूत हैं। अगर आप उनके नतीजों को ध्यान से देखें, तो मैं इस महत्वपूर्ण तत्व को आपके स्क्रीन पर दिखा रहा हूं। हम पूरे साल के लिए मजबूत विकास की भविष्यवाणी कर रहे हैं। Q4 के राजस्व में तेजी के साथ, वे यह मार्गदर्शन दे रहे हैं कि अगले क्वार्टर के नंबर्स भी अच्छे होंगे। यह सीधा मार्गदर्शन नहीं है, बल्कि Q4 के राजस्व में तेजी से संबंधित पूरे साल की वृद्धि है, जिसका मतलब है कि अगले क्वार्टर के नंबर्स भी अच्छे होंगे। तो, यह शायद लॉरस लैब्स में निवेशकों के लिए है।
स्पांदना फाइनेंशियल लिमिटेड:
बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सबसे खराब और तबाही की स्थिति वाले नंबर्स में यह प्रतिक्रिया प्रेरणा है। यह अनुमानित है कि पिछले दो क्वार्टर में Will Enter का लोन बुक करीब 9000 करोड़ था, जबकि उन्होंने करीब 1200 करोड़ का लेखा-पुस्तक लिख दी। Will Enter का नेट वर्थ 3500 करोड़ है। तो, इस हिसाब से, उन्होंने पिछले दो क्वार्टर में अपनी नेट वर्थ का 1/3 खो दिया है, खासकर CMFI क्षेत्र की कंपनियों में। यह उन लोगों के लिए एक अहम संकेत है जो वित्तीय कंपनियों में निवेश कर रहे हैं। अगर काम करता है, तो यह जोरदार होता है। प्रभाव इतना बड़ा है कि इसकी प्रभाविता इतनी गहरी है। पिछले बार, उनकी एसेट क्वालिटी NPS से भी बेहतर थी। जैसा कि मुझे पता है, अब तक किसी कंपनी ने ऐसा नहीं किया है। कोई भी कुल कमजोर नंबर्स नहीं हैं। अगर आप स्टॉक्स में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो याद रखें कि उनके पूरे लोन बुक का लगभग 15% दो क्वार्टर में घट गया है। उन्होंने बुक का लेखा-पुस्तक लिखा है और संदर्भ के लिए, मैं आज आपके सामने अन्य डेटा भी पेश कर रहा हूं। खास ध्यान दें इस्पेयरमेंट पर। आप समझ जाएंगे कि उनकी कमजोरी कहाँ है। उन्होंने नुकसान पोस्ट किए हैं लेकिन एसेट क्वालिटी इस बार काफी खराब है। इसलिये कमजोरी कलेक्शन में भी दिख रही है। इस बार की प्रतिक्रिया कुल मिलाकर निराशाजनक रही है।
अम्बर एंटरप्राइजेज इंडिया लिमिटेड:
अम्बर एंटरप्राइजेज ने अच्छे नंबर्स दिए। अगर आप उनके नंबर्स देखें, तो राजस्व तिमाही दर तिमाही 26-27% और साल दर साल 65% बढ़ा है। मार्जिन स्थिर नहीं हैं, लेकिन सुधर रहे हैं। मुनाफा भी बढ़ेगा। उन्होंने मजबूत नंबर्स दिए हैं। कुल मिलाकर, अम्बर एंटरप्राइजेज का मजबूत विकास है। उनके सेगमेंट-वार विकास ने इसे हासिल किया, इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन में 138% साल दर साल वृद्धि देखी गई, कंज्यूमर ड्यूरेबल सेगमेंट में 95% की वृद्धि हुई, और ऐसे भारी और महंगे वैल्यूएशन्स पर भी मजबूत नंबर्स प्रस्तुत किए, यहां तक कि स्टॉक प्राइस को भी स्थिर किया। अम्बर एंटरप्राइजेज इस समय अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड:
यह इस बार थोड़े कमजोर हैं। लेकिन प्रतिक्रिया पहले जैसी उत्साहजनक नहीं रही। ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स पिछले सात क्वार्टर के उच्चतम स्तर पर हैं। लेकिन सकारात्मक बात यह है कि वे Q4 FY25 में एक यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं, यानी अगले क्वार्टर में। जैसा कि मैंने कहा। उनकी एसेट क्वालिटी पिछले सात क्वार्टर के उच्चतम स्तर पर है, स्लिपेज करीब 359 करोड़ है, पिछले बार यह 238 करोड़ था। अब आ रहा नंबर यह है कि मल्टी-क्वार्टर हाई एन्युअलाइज्ड स्लिपेज रेशियो भी करीब 4.7 है। राइट-ऑफ्स करीब 250 करोड़ है। पिछली बार यह 140 करोड़ था। तो, राइट-ऑफ्स बढ़े हैं, लेकिन पिछले की तुलना में इतना ज्यादा नहीं। PCR करीब 79.7 है और उनकी नेट इंटरेस्ट मार्जिन 8.6 है। पिछले बार और पिछले साल की तुलना में, NIMS में कमजोरी है और ROA ROE भी 12वें क्वार्टर में रिपोर्ट हो रहे हैं। कुल मिलाकर, उनके नंबर्स भी कमजोर हैं।
आईईईएक्स (इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड):
उनकी साल दर साल की वृद्धि हमें तिमाही दर तिमाही नहीं देखनी चाहिए। अगर हम तिमाही दर तिमाही देखें, तो ऐसा लगता है कि राजस्व में करीब 6% की गिरावट आई है, लेकिन इसे ध्यान में न लें क्योंकि इसमें सीज़नैलिटी है, इसलिए साल दर साल आपको करीब 14% की वृद्धि दिखनी चाहिए, ऑपरेटिंग साइड की वृद्धि, ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 13% की वृद्धि और प्रॉफिट में 15% की वृद्धि। स्पष्ट रूप से, तिमाही दर तिमाही, साल दर साल की तुलना में मजबूत वृद्धि दिख रही है। IEEX लिमिटेड के नंबर्स अच्छे हैं।
KFINTECH Ltd.:
KFINTECH के नंबर भी अच्छे और मजबूत हैं। रेवेन्यू 33% साल दर साल बढ़ रहे हैं, मार्जिन्स में सुधार हो रहा है, ऑपरेटिंग प्रॉफिट और प्रॉफिट 31% बढ़े हैं, और EPS भी 34% बढ़ रहा है। कुल मिलाकर, KFINTECH के आंकड़े मजबूत हैं।
V2 Retail Ltd.:
हम देख सकते हैं, और मैं उनके नंबर स्क्रीन पर आपके सामने रख रहा हूं। हमें इन्हें तिमाही दर तिमाही नहीं, बल्कि साल दर साल देखना चाहिए। तो, अगर आप देखें, रेवेन्यू, मार्जिन्स, और प्रॉफिट्स 117% बढ़ रहे हैं, तो कमजोरी कहां है? रिटेल स्पेस के बाहर, हम मजबूती से बढ़ रहे हैं। V2 Retail मजबूत नंबर पोस्ट कर रहा है।
Indus Towers Ltd.:
आप प्रॉफिट्स में जबरदस्त वृद्धि देखेंगे, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। लगभग 4870 करोड़ के करीब हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने फ्री कैश जनरेट किया है। इसका मुख्य कारण यह है कि उन्हें Vodafone Idea से लगभग 3024 करोड़ रुपये मिले हैं। तो, अगर पैसा आता है जो उम्मीद नहीं थी, तो यह कंपनी के लिए अच्छा है। इसलिए इतने मजबूत आंकड़े आ रहे हैं। तो अगर हम Vodafone Idea का पैसा अलग रखें और जो बचता है उसे देखें, तो Indus Towers के नंबर बाजार की उम्मीदों के मुताबिक हैं। अच्छी बात यह है कि Vodafone Idea 3024 करोड़ रुपये को मजबूत बॉटमलाइन के साथ वापस चुका रहा है, और रेवेन्यू और मार्जिन्स के संदर्भ में जो लाभ दिख रहे हैं, वह बाजार की उम्मीदों के अनुरूप हैं।
Dr Reddy’s Laboratories Ltd.:
इनका रेवेन्यू 14% बढ़ा है, मार्जिन्स स्थिर हैं, और प्रॉफिट्स 18% बढ़े हैं, और अगर हम उनके सेगमेंटल रेवेन्यू को देखें, तो फार्मास्यूटिकल्स का रेवेन्यू 13% बढ़ा है। ग्लोबल जेनरिक्स का रेवेन्यू 12% बढ़ा है, खर्चे 6% बढ़े हैं, R&D खर्च 10% बढ़ा है, और सेलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन खर्च 10% बढ़ा है, लेकिन यहां समस्या यह है कि उनका भारतीय व्यवसाय अभी भी मजबूत है, लेकिन उनका उत्तर अमेरिकी व्यवसाय 10% घट रहा है, जिससे मार्जिन्स पर असर पड़ रहा है। लेकिन इसके अलावा उन्होंने बहुत अच्छे नंबर दिए हैं। कुल मिलाकर, Dr. Reddy’s ने बाजार की उम्मीदों को पूरा किया है, लेकिन अगर उत्तर अमेरिकी सेगमेंट बेहतर प्रदर्शन करता है, तो शायद मजबूत नंबर आएंगे।
HPCL Ltd.:
HPCL अपेक्षाओं से बेहतर नंबर दे रहा है। जैसा कि मुझे पता है, पिछले चार सालों में उनका GRM कभी BPCL से अधिक नहीं था, लेकिन इस बार यह चार सालों में सबसे अच्छा है। इस बार उन्होंने अपने GRMs और मार्केटिंग मार्जिन्स को भी सुधार लिया है। उन्होंने साल दर साल तुलना में मजबूत प्रॉफिटेबिलिटी दिखाई है। HPCL के कुल आंकड़े अच्छे हैं।
CYIENT Ltd.:
CYIENT के नंबर उतने मजबूत नहीं हैं। ये अभी भी कमजोर हैं। वे सुर्खियां बना रहे हैं कि उनके पास मजबूत नंबर हैं, लेकिन उनके मार्जिन्स गिर रहे हैं, इसलिए उनकी प्रॉफिटेबिलिटी उम्मीदों से कम हो रही है। तिमाही दर तिमाही, साल दर साल उनकी प्रॉफिटेबिलिटी गिर रही है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके CEO Karthikeyan ने तीन साल के समयावधि के बाद भी इस्तीफा दे दिया है। तो, CEO का इस्तीफा और कमजोर नंबरों को एक बुरा संकेत माना जाना चाहिए, यही कारण है कि आज उनका स्टॉक लगभग 23% गिर गया।
Tejas Networks Ltd.:
Tejas Networks के नंबर तिमाही दर तिमाही और साल दर साल मजबूत हैं। लेकिन समस्या यह है कि स्टॉक गिरने का मुख्य कारण उनका ऑर्डर बुक है। यह बढ़ रहा है, तो अगर नए ऑर्डर आगे और बनते हैं, तो देखा जाएगा। इसके अलावा, प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी को थोड़ा घटा रहे हैं, और FIs और DIs भी घटा रहे हैं, यह KDS कहता है। हम उनके शेयरहोल्डिंग पैटर्न से समझ सकते हैं कि वे अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं, लेकिन केवल रिटेल निवेशक मजबूत प्रवेश कर रहे हैं। तो, ताजा ऑर्डर फ्लो की कमी और गिरते मार्जिन को इस तिमाही के कमजोर नतीजों के रूप में देखा जाना चाहिए। लेकिन Tejas Networks से संबंधित निवेश किए गए लोग उनके द्वारा पोस्ट किए गए नंबरों और आने वाले अवसरों को समझते हैं, इसलिए यदि आप पहले से Tejas Networks में निवेशित हैं, तो मैं यहां आपके लिए भविष्य के अवसरों या महत्वपूर्ण ट्रिगर्स को स्क्रीन पर दिखा रहा हूं। एक बार ध्यान से देख लें। तो, पूरी समस्या यह है कि उनका मौजूदा ऑर्डर बुक आने वाली तिमाहियों में कैसे कार्य करता है और नए ऑर्डर की स्थिति क्या है। अगर नए ऑर्डर आ रहे हैं, तो क्या होगा? यह देखा जाएगा। कंपनी के स्टॉक में आज लगभग 9% की गिरावट आई है।
Nifty और Bank Nifty:
क्या आपने Nifty के सपोर्ट और रेजिस्टेंस को देखा? यह गिरकर ज़ोन के पास आया और वहां 20-पॉइंट का ज़ोन स्थिर हो गया। अगर यह ज़ोन टूट जाता है, तो मुझे लगता है कि यह पहली बार हाल के दिनों में Nifty 23 के नीचे बंद हुआ है। मुझे लगता है कि जून 2024 में हम उस मार्क पर आए थे, लेकिन वहां बंद नहीं हुआ था। लेकिन इस बार यदि यह स्तर टूटता है, तो शायद अगले ट्रेडिंग सत्र में यह नीचे की तरफ जा सकता है। यहां से 23130 और 23270 महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस हैं, और नीचे 23040, 22950 और 22850 महत्वपूर्ण सपोर्ट दिखते हैं। आज Bank Nifty में सही रेजिस्टेंस काम किया। इस ज़ोन को ऊपर की तरफ और अधिक ध्यान से देखें। 48840 पिछले दिन का हाई है, इसलिए यह दुगना महत्वपूर्ण है। रेजिस्टेंस के हिसाब से तुरंत 48470 और 48650 रेजिस्टेंस हैं, और नीचे का सपोर्ट आज लिया गया है, वह 48195 है, अगर यह टूटता है, तो 47950 महत्वपूर्ण सपोर्ट दिखता है।
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