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Indian Stock Market 24 Dec 24 - कल के शेयर बाजार की विश्लेषण: सेंसेक्स, निफ्टी और एफआईआई के प्रभाव पर एक नजर
कल सोमवार के शाम तक के सेंसेक्स 499 अंकों की बढ़त के साथ 78,540 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 166 अंकों की बढ़त के साथ 23,753 पर बंद हुआ। इसी तरह, यस बैंक निफ्टी 558 अंकों की बढ़त के साथ 51,318 पर बंद हुआ।
बाजार की गतिविधियों पर चर्चा
पिछले 30 दिनों में निफ्टी ने इतना खराब प्रदर्शन शायद ही कभी किया हो। खासतौर पर पिछले हफ्ते निफ्टी में 4.8% की गिरावट (लगभग 5%) देखी गई। यह निफ्टी का एक हफ्ते में सबसे बड़ा नुकसान था।
अब सवाल यह है कि जब निफ्टी इतनी गिरावट दर्ज कर रहा है, तो मिडकैप और स्मॉलकैप में क्या हालात होंगे? कल भी सेंसेक्स, निफ्टी और बैंक निफ्टी में बढ़त तो हुई, लेकिन अगर मिडकैप और स्मॉलकैप स्पेस पर नजर डालें, तो स्मॉलकैप अभी भी लाल निशान में हैं और मिडकैप में भी ज्यादा बढ़त नहीं हुई।
इसका मतलब है कि कल का बाजार भले ही बढ़ा हो, लेकिन आपके पोर्टफोलियो में ज्यादा बढ़त नहीं दिखी होगी। यह स्थिति अक्सर होती है जब बाजार बढ़ता है, लेकिन हमारा पोर्टफोलियो स्थिर रहता है।
उच्च स्तर पर स्थिरता की कमी
कल बाजार की गतिविधि सुबह से ही एक गेप-अप ओपनिंग के साथ तेज रही। लेकिन ऊपरी स्तरों पर बाजार में स्थिरता नहीं दिखी। खासतौर पर स्मॉल और मिडकैप में मजबूत रैली नहीं आई।
कल दोपहर 12 बजे के बाद बाजार में तेज बिकवाली हुई और करीब 200 अंकों की रिकवरी भी हुई। तकनीकी तौर पर बाजार का बंद होना (23,800 के ऊपर) थोड़ा आत्मविश्वास जरूर देता है। लेकिन फिर भी सवाल उठता है कि क्या बाजार इस रेंज में स्थिर रहेगा या गिरावट जारी रहेगी।
एफआईआई की बिकवाली और आईपीओ का प्रभाव
एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की बिकवाली स्पष्ट रूप से बाजार में एक बड़ा कारक है। चीन में निवेश को लेकर एफआईआई की सोच बदल गई है और अब वे अमेरिका में बेहतर अवसर देख रहे हैं।
एक और महत्वपूर्ण बिंदु है बाजार में आ रहे आईपीओ। जब आईपीओ आते हैं, तो हम जैसे खुदरा निवेशक और म्यूचुअल फंड बाजार में पैसा लगाने के बजाय आईपीओ में पैसा लगाते हैं। इससे द्वितीयक बाजार (secondary market) में तरलता (liquidity) की कमी हो जाती है।
अमेरिकी पीसीई डेटा का प्रभाव
बाजार में कल की बढ़त का एक बड़ा कारण अमेरिकी पीसीई (PCE) डेटा है। नवंबर का पीसीई डेटा 2.4% रहा, जबकि अनुमान 2.5% का था। यह डेटा उम्मीद से बेहतर है।
- सितंबर: 2.1%
- अक्टूबर: 2.3%
- नवंबर: 2.4%
अगर पीसीई डेटा उम्मीद से बेहतर रहता है, तो इसका मतलब है कि मुद्रास्फीति (Inflation) नियंत्रण में है। इससे फेडरल रिजर्व को दरों में कटौती का मौका मिलेगा।
अमेरिका सरकार का शटडाउन
अमेरिकी सरकार के शटडाउन से जुड़ी अफवाहों पर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हर बार की तरह, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच असहमति होती है, लेकिन आखिरी समय पर मामला सुलझा लिया जाता है।
शटडाउन का मतलब यह नहीं है कि सरकार पूरी तरह बंद हो जाएगी। केवल कुछ खर्चों से संबंधित बिल पारित नहीं हो पाएंगे, जिससे कुछ रिपोर्ट्स और कामों में देरी हो सकती है।
NSE-एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) :-
हाल के समय में बिक्री की ओर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स का 1082 के करीब होना है। यह संकेत है कि डॉलर मजबूत हो गया है। अमेरिका में बिना किसी जोखिम के बॉन्ड्स पर 4.54% रिटर्न मिल रहा है। जब डॉलर को रुपये में बदलते हैं, तो भारतीय रुपये का अवमूल्यन होता है। अगर यह पैसा भारतीय शेयर बाजार में लगाया जाए, तो अच्छे रिटर्न की संभावना होती है। हालांकि, क्या भारतीय शेयर बाजार में 4.54% से अधिक रिटर्न मिल सकता है?
नैस्डैक और अमेरिकी बाजारों ने पिछले कुछ महीनों में भारतीय बाजारों की तुलना में बेहतर वृद्धि दर्ज की है। इस साल से, उन्होंने अपनी बाजार वृद्धि में सुधार देखा है। ऐसे में भारतीय बाजार में फंड फ्लो में गिरावट का मुख्य कारण यही है। कुछ महीने पहले भारतीय कंपनियों के अच्छे आंकड़े आए थे, लेकिन उसके बावजूद बाजार की वृद्धि के साथ-साथ फंड फ्लो में बाधा आई।
भारतीय इक्विटी बाजार का विश्लेषण:
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
भरत ग्लोबल डेवलपर्स
टेलीकॉम अपडेट्स
IAS (Investing Accelerator Summit):
यहां आप कई निवेशकों से मिल सकते हैं। सूची में 20 लोग हैं, लेकिन मैं उनमें से केवल कुछ लोगों जैसे आदित्य केम या इशित को ही जानता हूं। इनकी प्रदर्शन क्षमता और पिछले रिकॉर्ड के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
यदि आप मुझसे पूछें कि कौन सा स्टॉक या कंपनी सबसे अच्छी है, तो मैं कहूंगा कि हमें केवल एक कंपनी पर ध्यान देना चाहिए। अगले सम्मेलन में, वे ऐसे स्टॉक्स का चयन करेंगे जो अच्छे रिटर्न दे सकें। अगर आप किसी निवेशक को ट्रैक कर रहे हैं, तो वे यह जरूर बताएंगे कि कौन सी कंपनी अच्छी है।
इन निवेशकों का कहना है कि अगर आप किसी स्टॉक का अध्ययन कर रहे हैं, तो उसके पीछे कोई ठोस कारण और तर्क होना चाहिए। वे मानते हैं कि विभिन्न उद्योगों में अवसर होते हैं, जैसे EMS, केमिकल, पावर, होटल, और हाल ही में PVR इनॉक्स और Samhi Hotels जैसी कंपनियां। Shankara Building, Josh Engineering, HCG, और Sangam India भी इस सूची में आते हैं।
इन निवेशकों का मानना है कि जोखिम जितना ज्यादा होगा, संभावनाएं भी उतनी ही बढ़ेंगी। लेकिन हमें इस पर भी ध्यान देना होगा कि हम कौन से स्टॉक्स पर काम कर रहे हैं। अगर आपके पास गुणवत्ता से जुड़ी जानकारी है, तो आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
मेटल कंपनियों की अपडेट और समाचार
मेटल स्टॉक्स के बारे में हम पहले से बात कर रहे हैं कि इनसे अच्छे मुनाफे की संभावना है। हाल ही में, चीन से जुड़ी खबरों ने इन पर प्रभाव डाला है। हालांकि, कर्नाटक सरकार के नए मिनरल टैक्स बिल ने मेटल कंपनियों पर असर डाला है।
इस बिल के अनुसार, मेटल कंपनियों पर दो चरणों में टैक्स लगाया जा रहा है:
- जिन कंपनियों ने खनन भूमि ली है, उन्हें 100% टैक्स देना होगा।
- यदि खनन पट्टा नीलामी के बिना लिया गया है, तो रॉयल्टी टैक्स का तीन गुना देना होगा।
इसका प्रभाव:
- JSW Steel: इस नियम का सीधा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह पहले से ही नीलामी के तहत आता है।
- NMDC: इसका 35% व्यवसाय कर्नाटक में है। इन नए टैक्स नियमों के कारण, इसका व्यवसाय प्रभावित हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, NMDC की लागत में 22.5% तक वृद्धि हो सकती है।
- निजी कंपनियां: वेदांता और अन्य निजी कंपनियों को भी इस टैक्स का असर झेलना पड़ेगा।
यदि NMDC कम कीमत पर उत्पाद बेचता है, तो अधिक खरीदार उसकी ओर आकर्षित होंगे, जिससे निजी खिलाड़ियों पर और अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्या निष्कर्ष निकाला जाए?
इस टैक्स बिल का कुल प्रभाव PSU कंपनियों और निजी कंपनियों पर नकारात्मक होगा। हालांकि, NMDC पर इसका असर अपेक्षाकृत कम है। इसका व्यवसाय JSW Steel पर भी प्रभाव डाल सकता है क्योंकि JSW Steel NMDC से ही सोर्सिंग करता है।
SME IPO अपडेट न्यूज़:
स्टर्लिंग एंड विल्सन:
अल्ट्राटेक न्यूज़:
KPI ग्रीन एनर्जी:
55वीं GST काउंसिल बैठक:
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बीमा से संबंधित राहत:बीमा क्षेत्र में बड़ी राहत की उम्मीद थी, लेकिन इस बार बैठक में ऐसी कोई बड़ी राहत नहीं दी गई।
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पॉपकॉर्न पर GST:
- बिना पैकेजिंग वाले पॉपकॉर्न पर 5% GST।
- प्री-पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12% GST।
- अगर पॉपकॉर्न में शक्कर मिलाई गई है, जैसे कैरेमल पॉपकॉर्न, तो उस पर 18% GST लागू होगा।इस GST स्लैब ने सोशल मीडिया पर मीम्स और चर्चाओं को जन्म दिया है।
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पुराने और उपयोग किए गए वाहनों पर GST:
- पुराने और उपयोग किए गए वाहनों, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं, पर GST दर 12% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उदाहरण:उदाहरण में बताया गया कि अगर किसी ने 12 लाख रुपये में कार खरीदी और 9 लाख रुपये में बेची, तो बचे हुए 3 लाख रुपये पर GST लागू होगा।लेकिन यह केवल पंजीकृत विक्रेताओं पर लागू होता है। आम जनता, जो गैर-पंजीकृत है, उनके लिए यह GST लागू नहीं है।
- GST केवल पंजीकृत डीलर्स द्वारा पुरानी कारों के मुनाफे पर लागू होगा।
वेदांता अपडेट्स:
- बेस मेटल्स का व्यवसाय वेदांता के साथ रहेगा।
- बनने वाली पांच नई कंपनियां होंगी:
- हिंदुस्तान जिंक,
- जिंक इंटरनेशनल,
- कॉपर बिजनेस,
- एल्यूमिनियम मेटल बिजनेस,
- ऑयल एंड गैस,
- आयरन और स्टील बिजनेस।
यह विभाजन कंपनी के व्यवसाय को अलग-अलग क्षेत्रों में मजबूत करेगा और निवेशकों को स्पष्टता प्रदान करेगा।
JBM ग्रुप:
स्टील कंपनियां:
- स्टील कंपनियों पर प्रभाव:हाल के समय में चीन और अन्य देशों से कम कीमत पर स्टील उत्पाद भारत में आ रहे हैं, जिससे भारतीय स्टील कंपनियां प्रभावित हो रही हैं। DGTR ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। यदि अंतिम फैसला सकारात्मक आता है, तो वित्त मंत्रालय इन उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाने का निर्णय ले सकता है।
- इससे भारतीय स्टील कंपनियों को फायदा होगा और विदेशी कंपनियों के उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
- यह अपडेट भारतीय स्टील कंपनियों के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है।
निफ्टी और बैंक निफ्टी सपोर्ट और रेसिस्टेंस:
-
निफ्टी:
- रेसिस्टेंस:
- लॉन्ग टाइम फ्रेम में: 23,760
- शॉर्ट टाइम फ्रेम में: 23,840 और 23,900
- यदि 15 मिनट की कैंडल 23,690 लेवल को तोड़कर नीचे बंद होती है, तो अगले सपोर्ट लेवल्स होंगे:
- 23,630
- 23,580
-
बैंक निफ्टी:
- रेसिस्टेंस:
- 51,540 और 51,880
- सपोर्ट:
- 51,250 (जो पहले सपोर्ट था लेकिन टूट गया)
- 59,750
निष्कर्ष:
भविष्य में, भारतीय बाजारों के लिए अच्छे दिन आएंगे। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहने और स्पष्ट संकेतों का इंतजार करने की सलाह दी जाती है।
शुक्रिया!
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