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Indian Stock Market 25 Dec 24 - शेयर बाजार विश्लेषण :- भारतीय शेयर बाजार पर नजर: एफआईआई, आईपीओ और तकनीकी संकेत
रिच डैड पुअर डैड और रॉबर्ट कियोसाकी का बाजार विश्लेषण
रॉबर्ट कियोसाकी, "रिच डैड पुअर डैड" के लेखक और व्यक्तिगत वित्त के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तित्व, अक्सर अपने विचार साझा करते हैं कि एसेट्स और लायबिलिटीज क्या हैं। वे इस पर प्रकाश डालते हैं कि घटते हुए एसेट्स (Depreciating Assets) कैसे मध्यम वर्ग को गरीब बना सकते हैं और अमीर बनने के लिए क्या रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं।
बाजार में गिरावट और कियोसाकी की चेतावनी
कियोसाकी ने कई बार अपने ट्विटर अकाउंट पर बाजार में गिरावट (Crash) के बारे में चेतावनी दी है। उनका कहना है कि डॉलर, स्टॉक मार्केट, और रियल एस्टेट की कीमतें गिरने वाली हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि निवेशकों को सोना, चांदी, और बिटकॉइन जैसे एसेट्स में निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि डिप्रेशन, रिसेशन से बड़ा होता है और निवेशकों को समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।
पिछले क्रैश के बारे में कियोसाकी के बयान
कियोसाकी ने 2008 से लेकर अब तक कई बार बाजार क्रैश की भविष्यवाणी की है। 2020 में उन्होंने ऐसी ही बयानबाजी की थी और सोना, चांदी, और बिटकॉइन में निवेश को प्राथमिकता दी थी। उनका कहना है कि एसेट्स और लायबिलिटीज के बीच का अंतर मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित है, न कि सिर्फ कैश फ्लो और वित्तीय आंकड़ों पर।
लंबी अवधि के निवेश के लिए सुझाव
कियोसाकी के बयान और बाजार की अस्थिरता के बावजूद, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना महत्वपूर्ण है। भारतीय बाजार में निफ्टी के शीर्ष 50 और सेंसेक्स के शीर्ष 30 कंपनियों ने हमेशा अच्छे रिटर्न दिए हैं।
डेटा के अनुसार निवेश के विकल्प:
- इक्विटी: लंबे समय में इक्विटी अन्य एसेट क्लासेस जैसे सोना, डेट और रियल एस्टेट को पछाड़ती है।
- सोना और चांदी: छोटी अवधि में सोना बेहतर रिटर्न दे सकता है, लेकिन लंबे समय में इक्विटी क्लास अधिक मुनाफा देती है।
- अन्य एसेट क्लासेस: सोना और डेट क्लास भी अस्थिर समय में निवेश के अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म रणनीति:
- शॉर्ट टर्म में बाजार की अस्थिरता आपको भ्रमित कर सकती है, लेकिन अगर आप लंबे समय के निवेशक हैं, तो इन उतार-चढ़ावों से डरने की जरूरत नहीं है।
- कियोसाकी के बयान शॉर्ट टर्म अनिश्चितताओं को दर्शाते हैं, लेकिन लंबे समय में सही एसेट्स का चयन महत्वपूर्ण है।
निवेश के लिए समय:
वर्तमान बाजार अस्थिर है और डेटा पॉइंट्स के आधार पर यह स्पष्ट नहीं है कि बाजार तुरंत स्थिर होगा। हालांकि, अच्छे शेयरों को कम कीमत पर खरीदने का यह सही समय हो सकता है।
ग्लोबल इक्विटी मार्केट्स का हाल:
पिछले कुछ दिनों में एफआईआई की गतिविधियों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। 18 दिसंबर को लगभग 1000 कॉन्ट्रैक्ट्स, फिर 148, 157, और 132 के आसपास की संख्या में गतिविधियां हुईं। इनकी शॉर्ट पोजीशन करीब 150,000 कॉन्ट्रैक्ट्स पर स्थिर दिख रही है। 16 दिसंबर से एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं, लेकिन कल की बिकवाली सकारात्मक रही। हालांकि, उनकी गतिविधियां अभी बहुत मामूली हैं, इसलिए इनके डेटा पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता।
हाल ही में आईपीओ के जरिए करीब 25,000-30,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। यह धनराशि रिटेल निवेशकों, एचएनआई, और एफआईआई से आई है। संभवतः इसी कारण एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं। साथ ही, भारतीय रिटेल निवेशकों ने भी सेकेंडरी मार्केट में ज्यादा निवेश नहीं किया है।
अगर आप ध्यान दें तो इन तीनों कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन दोस्तों, इनके Valuations बेहद महंगे हैं और इनके ग्रोथ के अवसर भी हाल ही में 50 गुना बढ़ने की संभावना है। सेक्टर में बढ़ती संभावनाओं के कारण इन कंपनियों के लिए भी बेहतरीन अवसर हैं।
Amber Enterprises की मुख्य विशेषताएँ
Amber के पास तीन मुख्य डिवीज़न हैं:
- Consumer Division
- Electronic Division
- Railway Subsystem Division
Electronic Division को अलग करके IPO लाने की योजना पर काम हो रहा है। इनके FY24 के राजस्व में Electronic Division का योगदान लगभग 20% है। हाल के तिमाही आँकड़ों को देखें तो इस डिवीजन का राजस्व लगातार बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि यह क्षेत्र कंज्यूमर और रेलवे डिवीजन की तुलना में अधिक तेज़ी से बढ़ेगा।
Amber पहले केवल AC Manufacturing के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह इलेक्ट्रॉनिक्स और रेलवे से जुड़े क्षेत्रों में भी विस्तार कर रहा है। Electronic Division को IPO में लाने की खबर के कारण ही स्टॉक में आज बढ़त देखी गई है। ध्यान दें, पिछले एक साल में Amber का स्टॉक लगभग 140% बढ़ चुका है।
Dixon और Kaynes के साथ तुलना
Amber की तुलना में Kaynes और Dixon भी इस क्षेत्र में मजबूत खिलाड़ी हैं:
- Kaynes: यह कंपनी सेमीकंडक्टर्स और स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित है। हाल के बाजार गिरावट के बावजूद, Kaynes में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।
- Dixon: इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में इसका योगदान और गूगल के साथ टाई-अप इसे और अधिक मज़बूत बनाता है।
PG Electroplast
इसी क्षेत्र में एक और कंपनी PG Electroplast भी है। यह कंपनी पिछले 5 सालों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज कर चुकी है। 2020 में इसकी कीमत ₹2-₹3 थी और अब यह करीब 330 गुना बढ़ चुकी है। हालांकि, इसके वर्तमान वैल्यूएशन के कारण इसमें निवेश का जोखिम अधिक है।
PG Electroplast ने Whirlpool के साथ वाशिंग मशीन निर्माण के लिए साझेदारी की है। यह कोई नई डील नहीं है, लेकिन यह दिखाता है कि कंपनी नई प्रोडक्ट्स में भी विस्तार कर रही है।
निवेश का सही समय
हालांकि, इन सभी कंपनियों में भारी निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इनके वैल्यूएशन बहुत अधिक हैं। अगर बाजार में गिरावट आती है, तो यह इन कंपनियों में निवेश करने का सही मौका हो सकता है।
अंत में, मैं आपको सलाह देता हूँ कि आप अपने स्तर पर गहराई से विश्लेषण करें और फिर इन कंपनियों में निवेश का निर्णय लें।
EMS सेक्टर में वृद्धि की संभावनाएँ उज्जवल हैं, लेकिन सही समय पर निवेश करना सबसे महत्वपूर्ण है।
बायोकॉन (Biocon)
बायोकॉन के मार्केट में हाल ही में वृद्धि देखने को मिली है, और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण अपडेट है। इस अपडेट पर ध्यान देना जरूरी है। कंपनी ने यूरोपियन यूनियन में अपने पार्टनर के साथ टाई-अप किया है। इस टाई-अप के तहत लिराग्लूटाइड (Liraglutide) नामक दवा के लिए उन्हें अप्रूवल मिला है। यह दवा डायबिटीज और वज़न प्रबंधन से जुड़ी है। यह विक्टोज़ा (Victoza) के जेनरिक वर्जन का हिस्सा है और इसे अब यूरोपियन यूनियन में बेचने की अनुमति मिल गई है।
यदि आप ध्यान दें, तो वजन घटाने वाली दवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग वजन घटाने के लिए जिम जाते हैं या खाने की आदतें बदलते हैं। इसी बढ़ती मांग को देखते हुए बायोकॉन ने इस क्षेत्र में कदम रखा है। सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) और लिराग्लूटाइड (Liraglutide) जैसे उत्पादों की मांग यूरोप और अमेरिका में अधिक है।
बायोकॉन अब न केवल यूरोप, बल्कि अमेरिका और भारत में भी इस सेगमेंट में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। यदि अमेरिका और भारत में भी इसे अप्रूवल मिलता है, तो यह स्टॉक की कीमतों में और वृद्धि का कारण बन सकता है।
टाटा ग्रुप (Tata Group)
टाटा ग्रुप से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा सन्स (Tata Sons) का IPO 2025 तक लॉन्च होने की संभावना है।
2023 में, टाटा टेक्नोलॉजीज का IPO आया था, जिसने शानदार मुनाफा दिया था। यह कंपनी टाटा मोटर्स के तहत आती थी। अगर कोई निवेशक टाटा मोटर्स के शेयर होल्डर हैं, तो वे टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO के लिए पात्र हो सकते हैं।
टाटा सन्स के पास वर्तमान में टाटा टेक्नोलॉजीज के 93% शेयर हैं। टाटा मोटर्स के पास लगभग 4.7% हिस्सेदारी है, जो टाटा मोटर्स फाइनेंस के मर्जर के दौरान उन्हें मिली थी।
टाटा कैपिटल (Tata Capital) का IPO
टाटा कैपिटल का IPO भी 2025 से पहले आने की संभावना है। इसके पीछे RBI के अपर लेयर NBFC नॉर्म्स का प्रेशर है, जिसके तहत इस कंपनी को सूचीबद्ध करना अनिवार्य है। यह IPO लगभग 15,000 करोड़ रुपए का हो सकता है।
टाटा ग्रुप की कंपनियां NBFC स्पेस में अग्रणी हैं, और टाटा कैपिटल इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है। कंपनी का प्रदर्शन और उसके वर्तमान मूल्यांकन को देखते हुए, IPO से बड़े निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है।
किरि इंडस्ट्रीज लिमिटेड
दोस्तों, मैं पहले यह कहना चाहूँगा कि मैंने जो कुछ सुना है, उसके आधार पर अपनी बात कह रहा हूँ। आपने हाल ही में सोशल मीडिया पर यह खबर बहुत सुनी होगी कि कंपनी अगले तीन वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये तक की आय का लक्ष्य रख रही है। इसका मतलब यह है कि कंपनी करीब 50 गुना बढ़ने की बात कर रही है। यदि राजस्व में इतनी वृद्धि होती है और मार्जिन समान रहते हैं, तो मुनाफा भी 50 गुना बढ़ेगा। इसका परिणाम यह हो सकता है कि अगले तीन से चार वर्षों में स्टॉक की कीमत भी 50 गुना बढ़ जाए।
शेयरधारकों को दी गई गाइडेंस पर सवाल
शेयरधारकों को ऐसी गाइडेंस दी जाती है कि अगले तिमाही में इतना विकास होगा, साल के अंत तक ये स्थिति होगी। लेकिन कुछ कंपनियाँ लंबे समय की गाइडेंस देती हैं। उदाहरण के लिए, FY25 का लक्ष्य, H1 FY26 का लक्ष्य और FI27 तक की स्थिति बताई जाती है। लेकिन किरि इंडस्ट्रीज की गाइडेंस केवल बड़े-बड़े दावों तक सीमित है।
गाइडेंस में असंगतता
13 अगस्त, 2024 को हुई कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी ने 40,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य दिया था। नवंबर और दिसंबर में इसे बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। जुलाई में हुई ईजीएम (Extraordinary General Meeting) में यह लक्ष्य 20,000 से 30,000 करोड़ रुपये बताया गया था। चार महीने के भीतर यह अंतराल 20,000 करोड़ से 50,000 करोड़ तक पहुँच गया।
कोर्ट केस और प्रमोटर्स के प्लेजिंग पर चिंता
कंपनी से जुड़े कुछ कोर्ट केस हैं और प्रमोटर्स की प्लेजिंग 785% तक है। इसके अलावा, जो बिक्री और राजस्व के आंकड़े सामने आते हैं, उनमें क्वार्टर-टू-क्वार्टर कोई बड़ी छलांग नहीं दिखती।
सोशल मीडिया पर भ्रम
सोशल मीडिया पर ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं कि स्टॉक 50 गुना बढ़ेगा। लेकिन प्रमोटर्स द्वारा दिए गए बड़े-बड़े दावों में आंकड़ों का समर्थन नहीं दिखता। प्रमोटर्स का मुख्य उद्देश्य स्टॉक की कीमत को बढ़ावा देना लगता है।
सावधानी की सलाह
- सोशल मीडिया पर भरोसा न करें: सोशल मीडिया पर फैली किसी भी खबर पर आँख मूंदकर भरोसा न करें।
- स्वयं विश्लेषण करें: किसी भी कंपनी में निवेश से पहले अपना विश्लेषण करें।
- छोटे लक्ष्य निर्धारित करें: छोटे-छोटे लक्ष्यों की पुष्टि करें, जैसे 1000 करोड़ से 2000 करोड़ की वृद्धि।
- प्रबंधन के दावों को जाँचें: केवल प्रबंधन के दावों पर विश्वास करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
वाहन अपडेट समाचार :-
दोस्तों, अगर सीधे शब्दों में कहें तो हाल के समय में वाहन बिक्री में काफी गिरावट देखी गई है। जनवरी से शुरू होकर हमारे पास दिसंबर महीने की वाहन बिक्री से संबंधित वास्तविक डेटा है। जब मासिक डेटा आता है, तो इसमें कुछ कमजोरी दिखाई देती है। ऑटो सेक्टर में, हमने पिछले साल के दिसंबर के पहले 10 दिनों और 14 दिनों के डेटा को देखा है। इस साल की तुलना में पिछले साल की कुल वाहन बिक्री में 15% की गिरावट हुई है, लेकिन दोपहिया वाहनों की बिक्री में 20% की गिरावट आई है।
आमतौर पर, साल-दर-साल तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री में इतनी गिरावट नहीं होती, जब तक कि कोई बड़ा बदलाव न हो। लेकिन दोपहिया वाहनों की बिक्री में 20% की गिरावट एक बड़ी बात है। यह डेटा करीब 10 दिन पहले और 14 दिन पहले आया था, और तब भी यह दोपहिया वाहनों से संबंधित कमजोर डेटा था।
हालांकि, टीवीएस मोटर्स और आइशर मोटर्स (रॉयल एनफील्ड) के बिक्री आंकड़ों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा है। बाकी सभी, जैसे बजाज ऑटो और हीरो मोटोकॉर्प जैसे बड़े खिलाड़ी, इस सेगमेंट में एक बड़ी गिरावट का सामना कर रहे हैं।
ऑटो स्टॉक्स पर असर
सभी ऑटो स्टॉक्स के डेटा पर नजर डालें कि वे अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से कितने गिरे हैं:
- मारुति सुजुकी: करीब 20% गिरावट
- टीवीएस मोटर्स: 20% गिरावट
- हाल ही में आए आईपीओ, हुंडई मोटर्स: करीब 10-11% सुधार
इसके अलावा, कुछ ब्लू-चिप कंपनियां और स्थिर कंपनियां, जिन्हें लंबे समय के लिए निवेश के लिए सही माना जाता है, वे भी 20% या उससे अधिक तक गिरी हैं। ऐसे में, निवेशकों को कम जोखिम के साथ इन कंपनियों के अच्छे सुधार के समय खरीदारी करनी चाहिए।
आने वाले समय की संभावनाएं
वाहन बिक्री के ये आंकड़े थोड़े चिंताजनक हैं। यदि आने वाले तिमाहियों में यह स्थिति जारी रहती है, तो ऑटो सेक्टर में और अधिक समेकन (consolidation) देखने को मिल सकता है।
आईटी स्पेस पर नजर
आईटी क्षेत्र से संबंधित एक दिलचस्प छवि का जिक्र किया गया है। इसमें इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, टेक महिंद्रा और अन्य आईटी कंपनियों का डेटा है। इस छवि में दिखाया गया है कि अगले 2-3 वर्षों (FY25-FY27) में उनकी बिक्री में कितना इजाफा हो सकता है।
इस छवि में आपको निम्नलिखित डेटा मिलेगा:
- बिक्री के अनुमान
- एंटरप्राइज वैल्यू
- मूल्यांकन (Valuations)
- लाभांश और लाभांश यील्ड
- ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी)
- पीई रेशियो (Price to Earnings Ratio)
जो लोग आईटी क्षेत्र का विश्लेषण कर रहे हैं, उनके लिए यह डेटा उपयोगी हो सकता है।
प्राइवेट बैंक और फार्मा सेक्टर
प्राइवेट बैंकिंग स्टॉक्स में हाल के समय में ज्यादा वृद्धि नहीं देखी गई है, लेकिन उनमें भविष्य में सुधार की संभावना है। फार्मा और हॉस्पिटल स्टॉक्स पर भी नजर रखी जा सकती है, क्योंकि बाजार में किसी भी ठहराव के समय ये सुरक्षित निवेश के विकल्प हो सकते हैं।
सेगल इंडिया (Seagull India)
सेगल इंडिया ने एनएचआई (NHI) के साथ 981 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इस समझौते के तहत, पंजाब में छह लेन वाले ग्रीन फील्ड हाईवे का विकास किया जाएगा। यह परियोजना अगले 24 महीनों में, यानी दो वर्षों में पूरी होने की संभावना है।
आरती ड्रग्स लिमिटेड (Aarti Drugs Ltd.)
आरती ड्रग्स लिमिटेड का शेयर, जो लगातार निगेटिव और पॉजिटिव बदलाव दिखा रहा था, आज अचानक 12% बढ़ गया। इसका मुख्य कारण टारापुर में स्थित उनकी एपीआई मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी को अमेरिकी FDA की मंजूरी मिलना है। यह मंजूरी दर्शाती है कि यहां कोई नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ और यह फैसिलिटी आर्थिक दवाओं जैसे Ciprofloxacin, Zolpidem Tartrate, Celecoxib, और Niacin API के उत्पादन और निर्यात में अहम भूमिका निभाती है।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro Systems)
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने घोषणा की है कि उन्हें DRDO से 6 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है।
सिम्फनी लिमिटेड (Symphony Ltd.)
सिम्फनी लिमिटेड ने अपनी प्रोडक्ट बिक्री बढ़ाने के लिए Pushpa 2 फिल्म के विज्ञापन और मीडिया कैंपेन का सहारा लिया है। वे कूलर और वॉटर हीटर जैसे प्रोडक्ट्स की बिक्री में वृद्धि की कोशिश कर रहे हैं।
ऑरियन प्रो सॉल्यूशन्स (Aurion Pro Solutions)
ऑरियन प्रो सॉल्यूशन्स ने यूरोप में विस्तार के तहत Phoenixis नामक कंपनी का अधिग्रहण किया है। यह पेरिस स्थित कंपनी है और इसका अधिग्रहण 10 मिलियन यूरो (लगभग 86 करोड़ रुपये) में किया गया है। यह कंपनी बैंकिंग और फिनटेक क्षेत्र में दशकों के अनुभव के साथ आती है, जिससे यूरोप और मध्य पूर्व में ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत होंगी।
HG इंफ्रा लिमिटेड (HG Infra Ltd.)
HG इंफ्रा लिमिटेड ने अपनी सहायक कंपनी HG Jetpur Solar Project Private Limited में 28.4 लाख इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण किया है। यह कदम सोलर पावर सेक्टर में हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में है।
ग्रीव्स लिमिटेड (Greaves Ltd.)
ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड, जो ग्रीव्स कॉटन की सहायक कंपनी है, ने SEBI के पास IPO के लिए DRHP दाखिल किया है। यह IPO 1000 करोड़ रुपये के ताजा इश्यू के साथ आएगा और पूंजी जुटाने के लिए एक ऑफर फॉर सेल के तहत होगा। ग्रीव्स कॉटन के मौजूदा शेयरधारकों को इस IPO में भाग लेने का अवसर मिल सकता है।
TRAI अपडेट न्यूज़
हमारे माता-पिता या दादा-दादी कभी-कभी डेटा का उपयोग नहीं करते क्योंकि उनके पसंदीदा फोन 4G या 5G नहीं होते। ऐसे में डीलर उन्हें आसानी से गलत योजनाओं में शामिल कर देते हैं। आज भी कई लोग 2G या ब्लैक एंड व्हाइट मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें डेटा की आवश्यकता नहीं होती।
अब समस्या यह है कि हर प्लान में डेटा शामिल होता है। टेलीकॉम कंपनियां सभी को डेटा उपयोग करने के लिए मजबूर कर रही हैं, और इस वजह से प्लान की कीमतें बढ़ रही हैं। लेकिन ऐसे कई लोग हैं जो केवल कॉलिंग और SMS का उपयोग करते हैं। TRAI ने सिफारिश की है कि ऐसे उपयोगकर्ताओं के लिए अलग-अलग पैक जारी किए जाएं।
TRAI की सिफारिशें:
- अलग पैक जारी करें: केवल कॉलिंग और SMS वाले पैक की शुरुआत करें।
- 365 दिनों की वैधता: पैक की वैधता अधिकतम 90 दिनों के बजाय 365 दिनों तक बढ़ाएं।
- मिनिमम रिचार्ज ₹10: कम से कम ₹10 के रिचार्ज पैक उपलब्ध कराएं।
- डेटा अलग रखें: कॉल और SMS के पैक में डेटा शामिल न करें।
वर्तमान स्थिति:
- टेलीकॉम कंपनियां बंडल प्लान दे रही हैं, जिनमें कॉल, SMS, और डेटा शामिल हैं।
- TRAI ने सुझाव दिया है कि अलग-अलग उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सस्ती योजनाएं लाई जाएं।
- Airtel और Jio ने पहले रिचार्ज कीमतें बढ़ाईं, जिससे कई ग्राहकों ने Jio को छोड़ दिया। यह कंपनियों के लिए एक सबक है।
आम जनता की अपेक्षाएं:
- डेटा की कीमतें अधिक होने के कारण लोग चाहते हैं कि प्लान की कीमतें 20-30% तक कम हों।
- केवल कॉल और SMS वाले सस्ते प्लान आम जनता को राहत देंगे।
- ग्राहकों का मानना है कि डेटा को वैकल्पिक रखा जाए और केवल कॉलिंग और SMS के पैक की शुरुआत हो।
आपकी राय:
क्या आपको लगता है कि प्लान की कीमतें कम होनी चाहिए? क्या डेटा को अलग रखने और केवल कॉल और SMS के पैक उपलब्ध कराने का सुझाव सही है? अपनी राय कमेंट सेक्शन में बताएं।
निफ्टी और बैंक निफ्टी सपोर्ट और रेसिस्टेंस
आज बाजार में तेजी देखने को मिली, लेकिन निफ्टी और बैंक निफ्टी ने कुछ महत्वपूर्ण रेसिस्टेंस का सामना किया।
निफ्टी:
- रेसिस्टेंस ज़ोन: 23,850
- सपोर्ट लेवल:
- 23,690 (ब्रेक होने पर)
- 23,660 और 23,580
बैंक निफ्टी:
- रेसिस्टेंस:
- 51,540 और 51,880
- सपोर्ट लेवल:
- 50,970
- 50,580
निष्कर्ष
आगे बाजार की दिशा इन स्तरों के ब्रेकआउट पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सलाह है कि वे सतर्कता के साथ निवेश करें। इस ब्लॉग में साझा किए गए डेटा और विश्लेषण का उपयोग करते हुए अपनी खुद की रणनीति बनाएं। बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें।
नोट: कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले, स्वयं का विश्लेषण जरूर करें और सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली जानकारी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
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